जिन वस्तुओं का निर्यात ज्यादा होता है उन पर आयात कर वापसी की दरों में खासी कटौती और अस्थिर विनिमय दर दोनों ने मिलकर भारतीय निर्यातकों की संभावनाओं को बदतर बना दिया है.
2.
एफआईईओ ने मंत्रालय से आयात कर वापसी, एक्सपोर्ट क्रेडिट पर दो फीसदी की अतिरिक्त ब्याज दर छूट, टर्म लोन में भी छूट, निर्यात लाभ पर इनकम टैक्स छूट और एमएसएमई निर्यातकों को मार्केटिंग सुविधा देने के लिए एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फंड आदि शामिल हैं।
3.
पोतलदानोत्तर निर्यात साख देना बैंक मालों की लदाई के बाद निर्यात प्राप्ति की वसूली तक निर्यातकों को पोतलदानोत्तर साख की सुविधा देता है और समय-समय पर सरकार द्वारा अनुमत किसी भी आयात कर वापसी शुल्क की प्रतिभूति पर स्वीकृत किसी भी ऋण / अग्रिम को शामिल करता है.
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सरकार से प्राप्य आयात कर वापसी शुल्क के विरुद्ध अग्रिम प्राप्त करनानिर्यात किए गए मालों के मामलों में विदेश से प्राप्त निर्यात बिलों की आय द्वारा पोतलदानोत्तर साख को परिसमाप्त किया जाना है. साख सूचना / पुष्टि का पत्र अपने पास संपर्ककर्ता बैंकों का व्यापक नेटवर्क रखते हुए देना बैंक अग्रिमत: